दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन कीर्ति आजाद इस समय काफी व्यस्त हैं। वे कांग्रेस की चुनावी मुहिम को धार देने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं। पूर्वांचली समुदाय के बीच सभाएं कर उन्हें कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं को लेकर हमारे विशेष संवाददाता अमित शर्मा ने कीर्ति आजाद से बातचीत की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-
प्रश्नः कांग्रेस का मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा से है। आप और भाजपा काफी आक्रामक प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस कहां है? आप चुनाव में जीत कैसे दर्ज करेंगे?
जब से सुभाष चोपड़ा जी ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभाला है, आप कोई एक दिन भी नहीं बता सकते जब उन्होंने जनता के साथ दो-तीन सभाएं न आयोजित की हों। बाकी नेता भी अपने-अपने स्तर पर लोगों के साथ मिलकर लगातार छोटी-छोटी सभाएं आयोजित कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार की नाकामियों से अवगत करवा रहे हैं।
हमारी सोशल मीडिया की टीम भी तेजी से अपना काम कर रही है। हमारे केंद्रीय नेताओं के भी जल्दी ही मैदान में उतरने की संभावना है। इसके बाद चुनावी मुहिम में तेजी आएगी। आप देखेंगे कि सोशल मीडिया पर सरकार बनाने वाले बह जाएंगे।
हमारी सोशल मीडिया की टीम भी तेजी से अपना काम कर रही है। हमारे केंद्रीय नेताओं के भी जल्दी ही मैदान में उतरने की संभावना है। इसके बाद चुनावी मुहिम में तेजी आएगी। आप देखेंगे कि सोशल मीडिया पर सरकार बनाने वाले बह जाएंगे।
प्रश्नः पूर्वांचली समुदाय दिल्ली चुनाव में बेहद अहम स्थान रखता है। भाजपा के पास एक स्टार छवि वाला नेता है। आप खुद भी पूर्वांचल से हैं। पार्टी के लिए इस समुदाय को कैसे जोड़ रहे हैं?
आप जिन्हें पूर्वांचल का चेहरा बता रहे हैं, उनसे पूछिए वे दिल्ली कब आए? जबकि मैं यहीं दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ा-लिखा हूं। यहीं क्रिकेट खेलना सीखा और देश के लिए खेलने का सौभाग्य मिला। मैं जितना बिहार का हूं, उतना ही दिल्ली का भी हूं। इसलिए पूर्वांचली समुदाय के लोगों का दर्द मैं समझता हूं।
आप जिन्हें स्टार बता रहे हैं उन्होंने ही (एनआरसी का समर्थन करते हुए) यह बयान दिया था कि बाहर से आए लोगों को यहां से जाना पड़ेगा। अगर यही सच है, तो सबसे पहले तो उन्हें ही यहां से चले जाना चाहिए। इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल ने बिहार के लोगों पर यह तंज कसा था कि लोग 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और पांच लाख का इलाज करवाकर यहां से चले जाते हैं।
आप ही बताइये क्या अरविंद केजरीवाल यह तय करेंगे कि बिहार-यूपी का आदमी कहां पर इलाज करवाएगा? क्या पूर्वांचली समुदाय ऐसे व्यक्ति को वोट देगा?
आप जिन्हें स्टार बता रहे हैं उन्होंने ही (एनआरसी का समर्थन करते हुए) यह बयान दिया था कि बाहर से आए लोगों को यहां से जाना पड़ेगा। अगर यही सच है, तो सबसे पहले तो उन्हें ही यहां से चले जाना चाहिए। इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल ने बिहार के लोगों पर यह तंज कसा था कि लोग 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और पांच लाख का इलाज करवाकर यहां से चले जाते हैं।
आप ही बताइये क्या अरविंद केजरीवाल यह तय करेंगे कि बिहार-यूपी का आदमी कहां पर इलाज करवाएगा? क्या पूर्वांचली समुदाय ऐसे व्यक्ति को वोट देगा?
प्रश्नः आपका सबसे बड़ा मुकाबला केजरीवाल सरकार की मुफ्त की योजनाओं से है। आप जनता को क्या देने का वायदा कर उसका दिल जीतने का दम रखते हैं?
मैं सिर्फ छोटा सा सवाल करना चाहता हूं कि केजरीवाल को ये मुफ्त की योजनाएं चुनाव से केवल दो-तीन महीने पहले ही क्यों याद आईं? उनकी एक योजना बताइये, जो उन्होंने आते ही शुरू कर दिया हो। क्या उन्होंने दिल्ली के लोगों को मूर्ख समझ रखा है? उन्होंने एक बार लोगों को धोखा देने में सफलता पा ली थी।
अब वे दुबारा धोखा देने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। जहां तक हमारे वायदे की बात है तो आप हमारे मैनिफेस्टो का इंतजार कीजिए। हमारे अध्यक्ष ने लोगों को 600 यूनिट बिजली, पांच हजार मासिक पेंशन और वृद्ध, महिलाओं और छात्रों को मुफ्त यात्रा की घोषणा कर ही चुके हैं। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। इंतजार कीजिए।
अब वे दुबारा धोखा देने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। जहां तक हमारे वायदे की बात है तो आप हमारे मैनिफेस्टो का इंतजार कीजिए। हमारे अध्यक्ष ने लोगों को 600 यूनिट बिजली, पांच हजार मासिक पेंशन और वृद्ध, महिलाओं और छात्रों को मुफ्त यात्रा की घोषणा कर ही चुके हैं। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। इंतजार कीजिए।
प्रश्नः कांग्रेस पार्टी उम्मीदवारों के नामों का एलान कब तक करेगी, क्योंकि चुनाव प्रचार के लिहाज से बहुत कम समय रह गया है?
देखिए, मैं एक क्रिकेटर रहा हूं। बॉलर के हाथ से गेंद छूटने से हमारे पास आने तक के बीच आधे सेकंड से भी कम का समय हमें मिलता था। इतनी ही देर में हमें अपनी पोजीशन तय करनी होती थी और बॉल को बाउंड्री से बाहर भी भेजना होता था। हमारे लिए पर्याप्त समय है। उम्मीदवारों की घोषणा भी एक-दो दिन में हो जाएगी।
प्रश्नः इस समय नागरिता कानून, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का मुद्दा पूरे देश में छाया हुआ है। आपको क्या लगता है ये मुद्दे दिल्ली चुनाव को कितना प्रभावित करेंगे?
एनआरसी जैसे फालतू के कानून लाकर सरकार ने क्या हासिल किया है? किस व्यक्ति की कौन सी जानकारी सरकार के पास नहीं थी, जो वह इस कानून को लाकर पाना चाहती है। यह सीधे-सीधे एक व्यक्ति के अहंकार का नतीजा है। इसके आने से देश का कोई फायदा नहीं हुआ।
उलटे इसकी आग में पूरे देश को झोंकने की कोशिश की गई। आपको क्या लगता है जिनकी भावनाएं आहत होंगी वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे? जनता के पास वोट नाम का हथियार होता है और वह इसी हथियार से भाजपा के ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक करेगी।
प्रश्नः पूर्वांचल के कितने चेहरों को आप टिकट देने जा रहे हैं?
देखिए, इसके लिए पार्टी में एक सिस्टम है। मैं यह नहीं बता सकता कि कितने पूर्वांचली लोगों को मैदान में उतारा जाएगा। लेकिन यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि पूर्वांचलियों की भागीदारी अच्छी संख्या में होगी और हमें उनका वोट मिलेगा। यह हमारा परंपरागत वोटर रहा है, जो अब दुबारा हमारे साथ जुड़ गया है।
इन्हें हमारी कीर्ति सेना के लोग कांग्रेस से जोड़ने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस परिश्रम का फल अवश्य मिलेगा।
इन्हें हमारी कीर्ति सेना के लोग कांग्रेस से जोड़ने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस परिश्रम का फल अवश्य मिलेगा।
प्रश्नः अगर बात पूर्वांचली चेहरे की है, तो आप के एक पूर्वांचली नेता का बेटा ही दूसरी पार्टी में चला गया है। अगर आप घर के लोगों को ही संभाल नहीं पाए तो बाहर के लोगों को कैसे लाएंगे?
जब आप किसी के जाने की बात करते हैं, तो किसी के आने की बात भी कीजिए। जो लोग हवा में बहकर कहीं और गए थे, वे अब महसूस कर रहे हैं कि कांग्रेस ही ऐसी जगह है जहां उनका सम्मान हो सकता है। आज वे वापस आ रहे हैं। आप चुनाव में देखेंगे कि भारी संख्या में लोग हमारे साथ जुड़ेंगे। हम अपने ही लोगों के बल पर मैदान में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे।