शीला दीक्षित मंत्रिमंडल में कद्दावर मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में अपनी घर वापसी कर ली है। विधानसभा चुनाव के पूर्व इसे भाजपा के लिए करारा झटका माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा का दामन थामने वाले राजकुमार चौहान ने भाजपा के उत्तर-पश्चिम दिल्ली सीट से लोकसभा उम्मीदवार हंसराज हंस को रिकॉर्ड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजकुमार चौहान ने अपनी घर वापसी का फैसला किया। पार्टी उन्हें मंगोलपुरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है, जहां से वे पूर्व में कई बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी में जल्दी ही उनकी विधिवत वापसी की जाएगी।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजकुमार चौहान ने अपनी घर वापसी का फैसला किया। पार्टी उन्हें मंगोलपुरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है, जहां से वे पूर्व में कई बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी में जल्दी ही उनकी विधिवत वापसी की जाएगी।
इसके पहले कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन वे भी भगवा खेमे में ज्यादा दिन टिक नहीं सके और उन्होंने भी कांग्रेस में वापसी कर ली थी।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि जो भी कांग्रेसी विचारधारा का व्यक्ति रहा होता है, वह कट्टर विचारधारा के साथ ज्यादा देर नहीं रह सकता। वे पहले भी कांग्रेस परिवार का सदस्य रहे हैं, इसलिए उनकी वापसी पार्टी के लिए बेहतर खबर है।
उन्होंने कहा कि पार्टी अपने मूल विचारों के साथ अपने सभी मजबूत चेहरों को मैदान में उतारेगी और जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही कुछ और लोग भी कांग्रेसी खेमे में वापसी करेंगे।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि जो भी कांग्रेसी विचारधारा का व्यक्ति रहा होता है, वह कट्टर विचारधारा के साथ ज्यादा देर नहीं रह सकता। वे पहले भी कांग्रेस परिवार का सदस्य रहे हैं, इसलिए उनकी वापसी पार्टी के लिए बेहतर खबर है।
उन्होंने कहा कि पार्टी अपने मूल विचारों के साथ अपने सभी मजबूत चेहरों को मैदान में उतारेगी और जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही कुछ और लोग भी कांग्रेसी खेमे में वापसी करेंगे।